जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों से गैर-कश्मीरी नागरीकों पर आतंकी हमलों के मामले सामने आ रहे हैं। खासतौर से गैर-कश्मीरी मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा अब तक नौ नागरीकों की हत्या कर दी गई है। 5 अक्टूबर को श्रीनगर में आतंकियो ने वीरेंद्र पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वीरेंद्र पासवान बिहार का रहनेवाला था और पिछले दो वर्षों से श्रीनगर में गोलगप्पे बेचता था। आतंकियों ने 6 अक्टूबर को फार्मेसी मालिक एम.एल बिंदू, स्ट्रीट वेंडर और एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या कर दी थी। श्रीनगर के ईदगाह इलाके में आतंकियों ने स्कूल की मुख्य अध्यापिका सुपिंदर कौर और अध्यापक दीपक शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी।
16 अक्टूबर को अरविंद कुमार साह पर आतंकियों द्वारा गोली चलाई गई, उन्हें गंभीर स्थिति में श्रीनगर के SMHS अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अरविंद कुमार बिहार के बांका जिले में रहनेवाले थे और श्रीनगर में गोलगप्पे बेचते थे। 16 अक्टूबर की ही शाम को आतंकियों ने पुलवामा में सगीर अहमद नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। सगीर अहमद उत्तरप्रदेश का रहनेवाला था एवं पेशे से वह एक कार्पेंटर था। 17 अक्टूबर, रविवार को आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में के तीन मजदूरों को गोली मार दी, जिससे दो मजदूरों की मृत्यु हो गई और एक मजदूर बुरी तरह से घायल हो गया।
कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में अनेकों प्रवासी बसे हुए हैं। अधिकतर लोग रोजगार की तलाश में बिहार से कश्मीर आए हुए हैं। लोगों का कहना है कि वे अगले महीने तक अपने घर बिहार जाना चाहते थे मगर दहशतगर्दों के कारण उन्हें काम छोड़कर बीच में ही जाना पढ़ रहा है। लोग डरे हुए हैं कि यदि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य नहीं हुई तो उनका रोजगार और बच्चों की पढ़ाई छुट जाएगी।
27 वर्षों से कश्मीर में रह रहे 45 वर्षीय पंकज पासवान का कहना है कि उन्होंने इतने वर्षों में कश्मीर की इससे भी बदतर हालत देखी है। उनका कहना है कि एक के बाद एक हो रही हत्याओं से कश्मीर में दहशत का माहौल बना हुआ है और वे भी इस समय बिहार लौट जाना चाहते हैं। आतंकियों द्वारा निशाना बनाए गए नागरिकों का कहना है कि अनुच्छेद-370 के हटने से और कश्मीर के विकास से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी वजह से वो लोगों पर हमला कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि रविवार को हुए आतंकी हमले से पहले उन्हें उम्मीद थी कि हालात सुधर जाएंगे मगर लगातार हो रही हत्याओं से उन्हें भी जान का खतरा बना हुआ है।
पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती का कहना है कि, यह घटना निंदनीय है। भोले भाले लोगों को बेवजह मरना और उनका रोज़गार छीनना बेहद दुःख की बात है।
बीजेपी के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि यह शत प्रतिशत नरसंहार है, गैर-कश्मीरियों की यह भीषण हत्या बिल्कुल अमानवीय है और यह आतंकियों की बौखलाहट को दर्शाता है।
सीपीआई के नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी का कहना है कि भोले भाले मजदूरों की हत्या एक जघन्य अपराध है, सिर्फ निंदा करना काफी नहीं है, ऐसे समय में सभी को एकजुट होकर इस तरह के अपराध के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और आतंकियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर की लेफ्टनेंट गवर्न मनोज सिन्हा ने कहा है की निर्दोषों के खून का बदला इन आतंकियों से लिया जायेगा, कश्मीर की शांति को भंग करने कि कोशिश की जा रही है, लोगों को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है, कश्मीर के विकास को रोकने की साजिश हो रही है मगर हम ऐसा नहीं होने देंगे। मनोज सिन्हा ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘आवाम की आवाज’ में कहा “आतंकी हमले में मारे गए के लिए मैं शोक व्यक्त करता हूं, हम सभी लोग आपके साथ हैं और आतंकियों से हार एक हत्या का पूरा बदला लिया जायेगा यह मेरा वादा है”।
मैं परिवार के सभी सदस्यों को भरोसा देता हूँ, आपके एक-एक आंसुओं का हिसाब लिया जाएगा। 130 करोड़ देशवासी सभी परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
हमने सुरक्षा एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी हैं और मानवता के दुश्मन इन आतंकवादियों को जल्द ही इसकी कीमत चुकानी होगी।
— Manoj Sinha (@manojsinha_) October 7, 2021